असल न्यूज़ : दिल्ली में पीएम 2.5 की मात्रा में पराली जलाने का सबसे बड़ा योगदान रहने का अनुमान है। इस कारण गुरुवार से हवा की गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच सकती है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, गुरुवार की सुबह धुंध भरी रही और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 278 दर्ज किया गया।
अनुमान है कि 6 से 8 नवंबर के बीच हवा की गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में पहुंच सकती है। अगले छह दिनों के पूर्वानुमान भी यही संकेत देते हैं कि शहर की वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में ही बनी रहेगी। इस बीच, दिल्ली में पीएम 2.5 में स्थानीय और गैर-स्थानीय योगदान को देखें तो दिल्ली के पीएम 2.5 में पराली जलाने का योगदान गुरुवार को 21.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो शुक्रवार को बढ़कर 36.9 प्रतिशत और शनिवार को 32.4 प्रतिशत हो जाएगा। यह बुधवार को केवल 1.2 प्रतिशत था।
बुधवार को पंजाब में पराली जलाने के 94, हरियाणा में 13 और उत्तर प्रदेश में 74 मामले सामने आए। पराली जलाने के बाद, परिवहन का दूसरा सबसे बड़ा योगदान होने की उम्मीद है, जो गुरुवार को 16.2 प्रतिशत, शुक्रवार को 11.2 प्रतिशत और शनिवार को 12.3 प्रतिशत रहा। मौसम के मोर्चे पर, हवा की गति धीरे-धीरे बढ़ने की उम्मीद है, जो दोपहर में उत्तर-पश्चिम दिशा से 15 किमी प्रति घंटे तक पहुंच जाएगी और शाम और गुरुवार रात के दौरान घटकर 10 किमी प्रति घंटे से नीचे आ जाएगी।

