असल न्यूज़ : दिल्ली में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. खुले में सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है. AQI 400 के पार पहुंच चुका है. इधर प्रदूषण को लेकर लोगों में गुस्सा साफ देखा जा सकता है. रविवार को बड़ी संख्या में लोग इंडिया गेट पर जोरदार प्रदर्शन किया और सरकार से जल्द से जल्द कड़े कदम उठाने की मांग की.
दिल्ली में बिगड़ती वायु गुणवत्ता के खिलाफ रविवार को अभिभावकों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं सहित बड़ी संख्या में लोगों ने इंडिया गेट पर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों में कई महिलाएं और उनके बच्चे शामिल थे. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मांग की कि सरकार दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए नीतियां बनाए.
हमारे सामने बस एक ही मुद्दा है, और वो है साफ हवा : प्रदर्शनकारी
विरोध प्रदर्शन में शामिल दिल्ली निवासी नेहा ने कहा, “हमारे सामने बस एक ही मुद्दा है, और वो है साफ हवा. ये समस्या सालों से चली आ रही है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही. ये हमारे संवैधानिक अधिकारों का हनन है. हम 10 सालों से इससे जूझ रहे हैं. किसी को भी नागरिकों के स्वास्थ्य और अधिकारों की परवाह नहीं है. मुझे समझ नहीं आ रहा कि हम किसका इंतजार कर रहे हैं, और हम कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे. यहां शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन लोगों को घसीटकर बसों में ठूंसा जा रहा है. ये कोई राजनीतिक मामला नहीं है. ये साफ हवा का मामला है.
प्रदूषण से हर तीसरे बच्चे के फेफड़े को नुकसान पहुंच चुका है : भावरीन खंडारी
पर्यावरणविद् भावरीन खंडारी ने कहा, “हम अपने निर्वाचित पदाधिकारियों से मिलना चाहते हैं. हमने मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा था, लेकिन हमें मना कर दिया गया. बहुत से माता-पिता यहां इसलिए आए हैं, क्योंकि उनके बच्चे कष्ट झेल रहे हैं.” उन्होंने कहा, “हर तीसरे बच्चे के फेफड़े को नुकसान पहुंच चुका है; वे स्वच्छ हवा में पले-बढ़े बच्चों की तुलना में लगभग 10 साल कम जी पाएंगे.
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया
पुलिस ने विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को हिरासत में लिया. पुलिस के अनुसार, बिना अनुमति के इकट्ठा होने के कारण कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “इंडिया गेट पर विरोध-प्रदर्शन की कोई अनुमति नहीं थी. कानून-व्यवस्था बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि सुरक्षा व्यवस्था में कोई बाधा न आए, कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया था. डीसीपी (नई दिल्ली) देवेश कुमार महला ने कहा, “केवल जंतर-मंतर को ही विरोध स्थल के रूप में नामित किया गया है, जहां उचित प्रक्रिया का पालन करके प्रदर्शन की अनुमति ली जा सकती है.”

