असल न्यूज़: रणहौला थाना के मोहन गार्डन इलाके में बुधवार रात बाइक सवार हमलावरों ने गोली मारकर 18 साल के नितिन की हत्या कर दी। नितिन सैनिक एनक्लेव इलाके का रहने वाला था और उसकी हत्या जीडी लांसर पब्लिक स्कूल के पास हुई। डीसीपी आउटर सचिन शर्मा ने बताया कि रणहौला थाना की टीम ने वारदात के कुछ ही घंटे बाद तीन नाबालिग को हिरासत में ले लिया है और उनसे पूछताछ चल रही है।
पुलिस के अनुसार, नितिन परिवार के साथ सैनिक एनक्लेव में रहता था और प्राइवेट जॉब करता था। बुधवार शाम वह स्कूल के गेट नंबर 5 के पास मौजूद था। तभी बाइक पर आए दो हमलावरों में से एक नीचे उतरा और नितिन पर फायरिंग आवाज सुनते ही आसपास अफरातफरी मच गई। पास की एक दुकान वाले ने बताया कि तीन युवक स्कूल की सीढ़ियों पर बैठे थे। उनमें से एक उनके दुकान पर सिगरेट लेने आया था। कुछ देर बाद तेज आवाज आई तो बाहर निकलकर पता चला कि एक लड़के को गोली मार दी गई है।
परिवार और मोहल्ले वाले उतरे सड़क पर
नितिन की बुधवार को गोली मारकर हुई हत्या के बाद गुरुवार दिन में इलाके के लोग गुस्से में सड़क पर उतर आए। परिवार वाले, रिश्तेदार और आसपास के लोग इकट्ठा होकर मेन रोड पर बीचोंबीच धरने पर बैठ गए। इसके बाद उन्होंने स्थानीय पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
गोली मारकर की हत्या
लोगों का आरोप था कि रात में नितिन को गोली मारी गई, लेकिन पुलिस की तरफ से उन्हें यह नहीं बताया गया कि कार्रवाई क्या हो रही है? इसी वजह से वे नाराज थे। मृतक के जानकार अजय कुमार ने कहा कि जहां वारदात हुई, वहां सीसीटीवी लगा है, फिर भी पुलिस कोई जानकारी नहीं दे रही। रात भर फोन करते रहे, किसी ने जवाब नहीं दिया। जो नेता वोट लेने आते थे, वे भी मदद के लिए नहीं पहुंचे। परिवार का कहना था कि नितिन सीधा था और गरीब परिवार से था, इसलिए उनकी सुनवाई नहीं हो रही।
परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल
नितिन की मां माधुरी ने बताया कि बुधवार सुबह 10 बजे वह ड्यूटी पर गया था। शाम करीब 6 बजे काम से घर लौटा, फिर कोई उसे बुलाकर ले गया। जीडी लांसर पब्लिक स्कूल के पास उन्हें पता चला कि नितिन को गोली मार दी गई। मौत की खबर के बाद परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है। दादी ज्ञान देवी की तबीयत ज्यादा खराब है। वह बार-बार यही कह रही थी कि उनके लल्ला को क्यों उनसे छीन लिया? उन्होंने कहा कि कल शाम उसने चाय पिलाई थी, क्या पता था कि अब उसका चेहरा नहीं देख पाएंगी। अगर किसी को उससे कोई दिक्कत थी तो उन्हें बताना चाहिए था, सीधे गोली मारकर खत्म क्यों कर दिया। काफी कोशिशों के बाद पुलिसकर्मी परिवार वालों को समझाने में सफल हुए।

