Wednesday, November 26, 2025
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Aadhar card: आधार कार्ड में होने जा रहे हैं बड़े बदलाव, जानिए क्या-कुछ होगा नया?


आधार कार्ड आजकल हर जगह इस्तेमाल हो रहा है. फिर वह पहचान पत्र की तरह हो या एड्रेस प्रूफ़ हो, आधार का इस्तेमाल होता ही है.

चाहे आपको लोन चाहिए, पासपोर्ट चाहिए या पैन कार्ड. इन सबके लिए आधार कार्ड ज़रूरी है. ज़्यादातर स्कूली बच्चों ने भी अपना आधार कार्ड बनवा लिया है.

हालांकि, आधार के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल की वजह से इसके दुरुपयोग की भी शिकायतें आ रही हैं.

क्योंकि इसमें व्यक्ति की पहचान, जन्मतिथि, पता वगैरह की जानकारी होती है. इससे बचने के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) एक नया पहचान पत्र लाने की योजना बना रहा है.

नए पहचान पत्र में सबसे बड़ा बदलाव तो यही होने जा रहा है कि इसमें व्यक्ति का पता या जन्मतिथि नहीं दिखाई देगी.

आधार कार्ड में क्या सब बदलेगा?

यूआईडीएआई के सीईओ भुवनेश कुमार ने हाल ही में एक ऑनलाइन कॉन्फ़्रेंस में कहा कि वे दिसंबर से नए नियम लागू करने की योजना बना रहे हैं.

इसका उद्देश्य आधार के ऑफ़लाइन वेरिफ़िकेशन को कम करना है. ख़ासकर के होटलों और किसी कार्यक्रम के आयोजकों की ओर से किए जाने वाले सत्यापन.

अगर आधार वेरिफ़िकेशन ऑनलाइन किया जाता है तो व्यक्ति की पहचान की गोपनीयता बनी रहेगी.

उन्होंने कहा, “हम इस बात पर विचार कर रहे हैं कि आधार कार्ड पर क्या जानकारी होनी चाहिए. इसमें केवल एक फोटो और एक क्यूआर कोड होना चाहिए.”

“अगर हम (अन्य जानकारी) छापना जारी रखेंगे, तो लोग उस जानकारी वाले कार्ड को ही स्वीकार करना भी जारी रखेंगे. इसलिए जो लोग इसका दुरुपयोग करना चाहते हैं, वे ऐसा करते रहेंगे.”

आधार प्रमाणीकरण के लिए नया ऐप

नए बदलाव आधार एक्ट के तहत तय नियमों के हिसाब से होंगे. जिनमें ऑफ़लाइन वेरिफ़िकेशन के लिए किसी के आधार संख्या या बायोमेट्रिक जानकारी को अपने पास रखने, इसका इस्तेमाल करने या उसे इकट्ठा करने की मनाही है.

फिर भी कई जगहों पर आपने आधार कार्ड की फोटोकॉपी रखे जाते देखा होगा. उदाहरण के लिए, किसी होटल में चेक-इन के समय, सभी मेहमानों के आधार कार्ड की एक फोटोकॉपी लेकर उसे सेव कर लिया जाता है. इस तरह आधार नंबर और जानकारी होटल के पास सुरक्षित रखी जाती है. जिससे फ़्रॉड का ख़तरा भी बढ़ता है.

अब आधार की काग़ज़ी प्रतियों के ऑफ़लाइन सत्यापन को कम करने के लिए नया नियम आ सकता है.

इस प्रस्ताव की समीक्षा आने वाली एक दिसंबर को की जाएगी.

यूआईडीएआई के सीईओ भुवनेश्वर कुमार ने भी कहा कि आधार को कभी भी दस्तावेज़ के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. वरना ये एक फ़र्ज़ी दस्तावेज़ हो सकता है.

इसका प्रमाणीकरण केवल आधार नंबर या क्यूआर कोड के ज़रिए वेरिफ़िकेशन कर के ही किया जाना चाहिए.

यूआईडीएआई ने एक नया आधार ऐप भी लॉन्च किया है. इसके ज़रिए कोई भी व्यक्ति अपने एड्रेस प्रूफ़ को अपडेट कर सकता है, परिवार के उन सदस्यों को जोड़ सकता है जिनके पास मोबाइल फोन नहीं है और फेशियल रिकगनिशन सुविधा के ज़रिए मोबाइल नंबर अपडेट कर सकता है.

भविष्य में इस आधार ऐप का इस्तेमाल सिनेमा थिएटर में एंट्री, किसी भी कार्यक्रम में एंट्री, होटलों में चेक-इन, स्टूडेंट्स के सत्यापन और आवासीय सोसायटियों में एंट्री के लिए भी किया जा सकेगा.

आधार वास्तव में किस बात का प्रमाण है?

 

अब भी ये भ्रम कई लोगों के मन में होता है कि आधार किस बात का प्रमाण है.

दरअसल, आधार केवल पहचान का प्रमाण है. इसे नागरिकता का प्रमाण नहीं माना जाता, न ही यह जन्मतिथि का प्रमाण है.

हाल ही में चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि केवल आधार नंबर से किसी का नाम मतदाता सूची में नहीं जोड़ा जा सकता है.

आयोग ने ये दलील भी दी थी कि आधार एड्रेस प्रूफ़ भी नहीं है. इसकी बजाय पासपोर्ट, बिजली बिल, बैंक स्टेटमेंट, रेंटल एग्रीमेंट वगैरह को एड्रेस प्रूफ़ माना जाता है.

 

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