असल न्यूज़ : बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र का 89 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है. वे पिछले कई सप्ताह से सांस की गंभीर समस्या से जूझ रहे थे. इस परेशानी के कारण उन्होंने बीते 1 नवंबर को मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था. इस दौरान वे करीब 11 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे थे. इसके बाद डॉक्टर्स ने हालत स्टेबल होने पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया था और घर पर ही इलाज कराने की सलाह दी थी. तब से उनका घर पर ही इलाज चल रहा था, लेकिन सोमवार को अचानक उनके निधन की खबर सामने आई. धर्मेंद्र की उम्र 89 साल थी, जिसकी वजह से उनके लिए हेल्थ प्रॉब्लम्स से रिकवर करना मुश्किल हो गया था.
अभिनेता धर्मेंद्र लंबे समय से उम्र संबंधी कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे, जिनमें सबसे बड़ी परेशानी सांस लेने में तकलीफ थी. यह उनकी सबसे गंभीर थी, जिसके कारण उन्हें अस्पताल में भी भर्ती कराया गया और कुछ सप्ताह पहले वेंटिलेटर सपोर्ट पर भी रखा गया था. इसके साथ ही उन्हें सीने में दर्द की भी शिकायत थी. इससे पहले अप्रैल 2025 में धर्मेंद्र की आंख की सर्जरी हुई थी. करीब 5 साल पहले दिग्गज अभिनेता को डेंगू हो गया था, जिसके कारण कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था. बढ़ती उम्र के कारण उन्हें कई अन्य सामान्य स्वास्थ्य समस्याएं भी थीं. उनका इलाज चल रहा था, लेकिन फिर भी पिछले कुछ सप्ताह से स्वास्थ्य में लगातार गिरावट आ रही थी.
उम्र बढ़ने पर कौन सी समस्याएं होने का खतरा?
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो 80 साल की उम्र के बाद शरीर की प्राकृतिक क्षमता कम होने लगती है, जिससे कई गंभीर बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ जाता है. इस उम्र में दिल की बीमारियां जैसे हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर और अनियमित धड़कन कॉमन हो जाती हैं, क्योंकि धमनियां कठोर होने लगती हैं. स्ट्रोक, डिमेंशिया और अल्जाइमर का जोखिम भी अधिक होता है, क्योंकि ब्रेन सेल्स सिकुड़ते हैं और नर्व रिपेयर धीमा हो जाता है. इसके अलावा हड्डियां कमजोर होने से मामूली गिरावट भी फ्रैक्चर का कारण बन सकती है. फेफड़ों की क्षमता घटने से निमोनिया, ब्रोंकाइटिस और श्वसन संबंधी संक्रमण तेजी से पकड़ लेते हैं. किडनी और लिवर की कार्यक्षमता कम होने पर शरीर दवाएं ठीक से प्रोसेस नहीं कर पाता, जिससे जटिलताएं बढ़ती हैं. इसी तरह डायबिटीज, हाई बीपी और बार-बार होने वाले इन्फेक्शन भी इस उम्र में कॉमन हैं. हालांकि धर्मेंद्र को सांस के अलावा कौन सी बीमारियां थीं, इस बारे में किसी भी तरह की जानकारी उपलब्ध नहीं है.
80 की उम्र के बाद रिकवरी मुश्किल क्यों?
80 वर्ष के बाद रिकवरी कठिन होने की मुख्य वजह शरीर के मेटाबॉलिज्म का धीमा पड़ जाना है, जिससे पोषक तत्वों का अवशोषण कम हो जाता है और हीलिंग प्रक्रिया धीमी हो जाती है. उम्र के साथ मांसपेशियों की कमी काफी बढ़ जाती है, जिससे शरीर कमजोर हो जाता है और चोट से उबरने में समय लगता है. इम्यून सिस्टम आधे से भी कम प्रभावी रह जाता है, जिससे संक्रमण आसानी से हो जाते हैं, लेकिन ठीक होने में लंबा समय लगता है. किडनी और लिवर कमजोर होने पर दवाओं का असर देरी से दिखता है या कई बार उल्टा असर भी कर सकता है. इसके अलावा ब्लड सर्कुलेशन कम होने से घाव, फ्रैक्चर और इन्फेक्शन की हीलिंग बेहद धीमी हो जाती है. इन सभी कारणों से 80 से ज्यादा की उम्र में छोटी बीमारी भी बड़ी जटिलता में बदल सकती है और रिकवरी काफी चुनौतीपूर्ण हो जाती है.

