Mahashivratri 2024 5 Powerful Mantras : इस वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व 8 मार्च 2024 को मनाया जा रहा है. इस दिन शिवालयों में भक्तों की खूब भीड़ देखने को मिलती है. हर भक्त अपने महादेव का आशीर्वाद पाने के लिए शिव मंदिर पहुंचता है. महाशिवरात्रि के दिन भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा करना बहुत शुभ माना गया है. अगर आप किसी तरह की परेशानी से जूझ रहे हैं और उससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव के 5 मंत्रों का जाप कर लाभांवित हो सकते हैं. ये प्रभावशाली मंत्र आपके जीवन की हर समस्या को खत्म कर सकते हैं. वे कौनसे मंत्र हैं आइए जानते हैं
1. रोग मुक्ति के लिए
पांच अक्षर का ये मंत्र भोलेनाथ का सबसे प्रिय मंत्र माना जाता है. इस मंत्र का अर्थ है कि मैं भगवान शिव के सामने झुकता हूं. अगर आप इस मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करते हैं तो आपका शरीर रोग मुक्ति होगा साथ ही आपका दिमाग भी शांत रहेगा. इस मंत्र के जाप से भगवान शिव की कृपा भी आपके ऊपर बनी रहेगी.
मंत्र – ॐ नमः शिवाय
2. अप्रिय घटना से बचाने के लिए
महामृत्युंजय भगवान शिव का बेहद प्रभावशाली मंत्र माना जाता है. इस मंत्र का नियमित जाप इंसान को अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति दिलाता है. इस मंत्र के जाप से उस व्यक्ति के साथ कभी कोई अप्रिय घटना नहीं होती.
मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||
3. मनोकामना पूरी करने के लिए
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान शिव के रुद्र मंत्र के नियमित जाप से जातक की हर मनोकामना पूरी हो सकती है. ये मंत्र इतना शक्तिशाली है कि ये आपकी हर इच्छा भगवान भोलेनाथ तक पहुंचा सकता है.
मंत्र – ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः
4. सुख-समृद्धि के लिए
भोलेनाथ का गायत्री मंत्र सर्वशक्तिशाली मंत्र माना जाता है. जो व्यक्ति इस मंत्र का नियमित रूप से जाप करता है उसे हर सुख की प्राप्ति होती है, उसके जीवन में शांति बनी रहती है.
मंत्र – ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहितन्नो रुद्रः प्रचोदयात्!
5. पाप से मुक्ति के लिए
अगर किसी इंसान से जाने-अनजाने में कोई पाप हो जाए जो इस मंत्र के जाप से उसे मुक्ति मिल सकती है. कहा जाता है इस मंत्र के जाप से महादेव से अपने कर्मों की क्षमा याचना की जा सकती है.
मंत्र – करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं वा श्रवणनयनजं वा मानसंवापराधं ।विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो॥