Wednesday, December 3, 2025
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दिल्ली का सीरियल किलर 25 साल बाद गिरफ्तार, टैक्सी ड्राइवरों को बनाता था निशाना.

असल न्यूज़: दिल्ली क्राइम ब्रांच ने 25 साल पुराने एक बड़े हत्या और लूट के मामले में बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में टैक्सी ड्राइवरों की हत्या और लूट के मामलों में वांछित कुख्यात अपराधी धीरज तोमर उर्फ राज सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। यह आरोपी साल 2001 से फरार चल रहा था और पुलिस को उसकी तलाश थी।

2001 का था मामला

मामला 17 मार्च 2001 का है, जब मयूर विहार फेज-3 के पास कचरे के ढेर से दो पुरुषों के शव बरामद हुए थे। उनमें से एक व्यक्ति की मौके पर मौत हो गई थी, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल मिला था और उसकी जान बच गई थी। जांच में पता चला कि धीरज और उसके गैंग ने टैक्सी हायर कर ड्राइवरों की हत्या, गाड़ियां लूटना, शवों को पहाड़ी इलाकों में फेंक देना और वाहनों को नेपाल में बेच देना जैसे अपराधों को अंजाम दिया था। धीरज के खिलाफ FIR नंबर 77/2001 दर्ज थी, जिसमें IPC की धारा 302, 307, 201, 392 और 34 शामिल थीं। यह मामला थाना न्यू अशोक नगर क्षेत्र का था। गिरफ्तारी से बचने के लिए धीरज ने वर्षों पहले अपना नाम बदलकर राज सिंह रख लिया था और परिवार से दूर अलग-अलग ठिकानों पर रह रहा था। क्राइम ब्रांच को सूचना मिली कि वह अपनी मां के साथ पेंशन निकालने बैंक आने वाला है। इस सूचना के आधार पर टीम ने जाल बिछाया और 27 नवंबर 2025 को बैंक से बाहर निकलते ही उसे धर दबोचा।

कैसे काम करता था गैंग

इस ऑपरेशन में SI अमित ग्रेवाल, SI यतेंद्र मलिक और टीम के अन्य अधिकारी शामिल रहे। पूरी कार्रवाई ACP उमेश बार्थवाल की निगरानी में की गई। पूछताछ के दौरान धीरज ने स्वीकार किया कि वह अल्मोड़ा, हल्द्वानी और लोहाघाट क्षेत्र में हत्या, लूट और किडनैपिंग के कई मामलों में शामिल था। यह गैंग पहले टैक्सी बुक करता था, फिर ड्राइवर की हत्या करता था, गाड़ी लूटता था, शव पहाड़ों में फेंकने के बाद गाड़ी नेपाल में बेच देता था।

पहले गिरफ्तार हो चुके हैं दो आरोपी

इस केस में पहले दो आरोपी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जा चुके थे और उन्हें 2007 में उम्रकैद की सजा मिली थी। धीरज का भाई धीरेंद्र भी पैरोल पर बाहर आने के बाद 2010 में फरार हो गया था। उसे भी हाल ही में क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। क्राइम ब्रांच का कहना है कि 25 साल पुराने इस मामले में आरोपी की गिरफ्तारी पुलिस विभाग की एक बड़ी उपलब्धि है। अभियुक्त से जुड़े अन्य मामलों और नेटवर्क की जांच जारी है।

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