असल न्यूज़: शाहीन बाग थाना पुलिस ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर ठगी करने वाले इंटरस्टेट साइबर फ्रॉड गिरोह के 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जांच के दौरान चार युवकों नितेश कुमार, देव उर्फ सोनू एसपी, इम्तियाज और महेश्वर पुटिया उर्फ अजय को बॉन्ड डाउन किया गया है, जिनकी भूमिका की भी जांच की जा रही है।
आरोपियों के खिलाफ दर्ज हैं इतनी शिकायतें
आरोपियों की पहचान धर्मेंद्र चौहान, सोमवीर सैनी, मोहम्मद एहतेशामुल हक, संतोष कुमार खंडाई, मोहम्मद बुगारी पी.पी और मोहम्मद शाहिद टी के रूप में हुई है। डीसीपी डॉ. हेमंत तिवारी के अनुसार आरोपियों के खिलाफ देशभर में नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर 66 शिकायतें दर्ज हैं।
जांच में आया सामने
जांच में करीब 50 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी का लेन-देन सामने आया है। गिरोह के दो आरोपी अभी फरार हैं। डीसीपी के अनुसार 7 दिसंबर को शाहीन बाग थाना पुलिस को ठगी की शिकायत मिली थी। तनवीर अहमद ने बताया कि उन्हें वट्सऐप पर खुद को कर्नाटक पुलिस अधिकारी बताने वाले लोगों ने धमकाया।
लोगों को ऐसे जाल में फंसाते ठग
आरोपियों ने कहा कि उनके आधार और मोबाइल नंबर का इस्तेमाल गंभीर अपराधों में हुआ है। आरोपियों ने 24 घंटे ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर उनसे 99,888 रुपये ऐंठ लिए। डीसीपी के अनुसार इंस्पेक्टर दिनेश कुमार की देखरेख में एसआई गरवित, अक्षय डागर, मनोज, नीरज और हेड कॉन्स्टेबल मनीष ने जांच शुरू की।
कैसे लगाते थे लोगों को चूना
पता चला कि आरोपी लंबे समय से डिजिटल प्लैटफॉर्म और बैंकिंग चैनलों का दुरुपयोग कर ठगी कर रहे थे। डीसीपी ने बताया कि दिल्ली, केरल, मुंबई, ओडिशा, पंजाब, यूपी और हरियाणा समेत 7 राज्यों में एक साथ छापेमारी की। सबसे पहले धर्मेन्द्र और सोमवीर को दबोचा। पूछताछ के दौरान मोहम्मद एहतेशामुल हक का नाम सामने आया।

