उत्तर पूर्वी दिल्ली (अपराध संवाददाता)। बीते दिनों ब्रह्मपुरी गली नं .10 स्थित आई -17,गंगा डेयरी में लगी भंयकर आग को फायर ब्रिगेड से पहले काबू करने के लिए पडौस के युवाओं ने बिना किसी की परवाह किए अपनी जान की बाजी लगा दी।
शार्ट सर्किट से हुए हादसे में दिल दहलाने वाली घटना यह थी,कि दुकान के अंदर एक गैस का सिलेंडर भी था, यदि ये बच्चे तुरंत आग पर काबू पाने का प्रयास नही करते,तो सिलेंडर ब्लास्ट होने पर आसपास के घरों को क्षति और जानमाल का भी काफी नुकसान हो सकता था।
क्षेत्र के युवा तुर्क अश्वनी पंडित ने बताया,कि जब आग भंयकर रुप ले रही थी,तब मेरे साथियों कालू पंडत, अमित, कुणाल,रिंकू चौहान ,सचिन,हरिमोहन, निखिल बंसल आदि रेत के कट्टों और पानी भर भरकर डाला,चूंकि आग लगी हुई थी,रात का समय था, अंधेरा हो रहा था,उस समय तुरंत लाईट कटवाई गई और अंधेरे में हम सभी ने करीब 25 मिनट में आग पर काबू पा लिया।50 मिनट बाद फायर बिग्रेड ने आकर बाकी औपचारिकताए पूरी की।श्री पंडित ने बताया, कि यदि आग बुझाते समय अचानक सिलेंडर ब्लास्ट हो जाता, तो आज हम यहां नही होते। बहरहाल, बच्चों की जांबाजी के किस्सों की चर्चा पूरे मौहल्ले में है।इन जांबाज बच्चों को हम भी सैल्यूट करते हैं।