असल न्यूज़: क्या आप जानते हैं कि रैंसमवेयर आखिर है क्या और किस तरह से आप इससे बच सकते हैं? इस सवाल का जवाब जानने से भी जरूरी है इस सवाल को जानना है कि आखिर रैंसमवेयर काम किस तरह से आप लोगों को टारगेट करता है? आज हम आपको इन सभी जरूरी सवालों के जवाब देंगे.
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वो कहते हैं न अगर किसी चीज के फायदे हैं तो नुकसान भी हैं. टेक्नोलॉजी ने बेशक हम सभी के काम को आसान बना दिया है लेकिन कहीं न कहीं तकनीकी समस्याओं की वजह से ही सही, लेकिन दुनिया के किसी न किसी कोने में हर रोज कोई न कोई व्यक्ति रैंसमवेयर अटैक का शिकार बन रहा है.
रैंसमवेयर अटैक है क्या बला और किस तरह से इससे बचा जा सकता है? आज हम इन सभी सवालों के बारे में आप लोगों को जानकारी देंगे. रैंसमवेयर से बचने के लिए पहले तो यह समझना जरूरी है कि रैंसमवेयर किस तरह से काम करता है?
What is Ransomware
रैंसमवेयर एक तरह का मैलेशियस सॉफ्टवेयर है जो आपकी फाइलों को लॉक कर देता है और फिर आपकी फाइल्स को अनलॉक करने के लिए मोटी रकम की मांग की जाती है. पिछले कुछ सालों में ये प्रॉब्लम काफी बढ़ गई है और अब रैंसमवेयर से न सिर्फ लोग बल्कि बिजनेस करने वाले और सरकार को भी प्रभावित करती है.
रैंसमवेयर अटैक से बचने के लिए नीचे बताई गई जरूरी बातों का हमेशा ख्याल रखें:
रैंसमवेयर अटैक से बचने के लिए अपने डिवाइस के सॉफ्टवेयर को हमेशा अपडेट रखें. कई बार सिक्योरिटी में खामी का पता चलने के बाद कंपनी सॉफ्टवेयर अपडेट जारी करती है और अगर सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं किया तो इस खामी का फायदा उठाकर रैंसमवेयर अटैक हो सकता है. आपको अगर रैंसमवेयर अटैक से बचना है तो खुद को हमेशा अपडेट रखना होगा. अगर आप अपडेट नहीं होंगे तो आप लोग फिशिंग ईमेल और अन्य ऑनलाइन
खतरों को पहचान नहीं पाएंगे.
अपने नेटवर्क और डिवाइस को प्रोटेक्ट करने के लिए एंटीवायरस प्रोग्राम, फायरवॉल और अन्य सिक्योरिटी टूल्स का इस्तेमाल करें. आपके जरूरी डेटा का नियमित बैकअप लेते रहें. इन बैकअप फाइल्स को ऑफलाइन या फिर ऐसी जगह पर स्टोर
करें जहां रैंसमवेयर इन फाइल्स को एक्सेस न कर पाए.
रैंसमवेयर अटैक करने वाले आपकी जरूरी फाइल्स को एक्सेस कर लॉक लगा देते हैं और फाइल को अनलॉक करने के बदले मोटी रकम मांगते हैं. लेकिन कुछ साइबर सिक्योरिटी कंपनियां हैं जो डिक्रिप्शन टूल भी ऑफर करती हैं जिसकी मदद से आप अटैक करने वाले को पैसे देने के बजाय कंपनी को कम पैसे देकर भी अपनी फाइलों को अनलॉक करवा सकते हैं.
कानून प्रवर्तन एजेंसियों (Law enforcement agencies) के पास रैंसमवेयर से निपटने के लिए संसाधन और एक्सपीरियंस होता है. ऐसे में रैंसमवेयर अटैक होते ही तुरंत अपने साथ हुई घटना की रिपोर्ट दर्ज करें जिससे कि अटैकर्स को पकड़ा जा सके.