असल न्यूज़: त्योहारों का माह कार्तिक शुक्रवार से शुरू हो रहा है. यह हिंदू पंचांग का आठवां महीना और चातुर्मास का अंतिम महीना है. इस मास में कल्पवास से लेकर गंगा स्नान तक का विशेष महत्व है. कार्तिक मास का कल्पवास गुरुवार से शुरू हो रहा है. लोग गंगा नदी के तट पर पहुंच गये हैं.
18 से शुरू हो जाएगा स्नान-ध्यान
18 अक्तूबर से स्नान-ध्यान शुरू हो जायेगा. इस माह में प्रतिदिन भगवान विष्णु व तुलसी माता की पूजा का विधान है. हर दिन शाम में तुलसी माता के पास दीये जलाकर उनकी विशेष पूजा की जाती है. वहीं प्रात: स्नान ध्यान कर तुलसी में जल देने का भी विशेष महत्व है. गीता पाठ व दीपदान का भी महत्व है.
शुक्लपक्ष की एकादशी को 4 माह बाद जगते हैं भगवान विष्णु
इसी मास के शुक्लपक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु चार माह की निद्रा के बाद जगते हैं. उनके जगने की खुशी में देवउठनी एकादशी मनायी जाती है. इस मास के कृष्णपक्ष में नवमी तिथि की वृद्धि होने के कारण यह पक्ष 15 दिनों का है. वहीं कार्तिक महीने की कथा सुनने व पढ़ने का विशेष महत्व है.
दीपों का पर्व दीपावली 31 को
दीपों का पर्व दीपावली 31 अक्टूबर को मनायी जायेगी. इसी दिन काली पूजा भी है. 31 अक्तूबर को दिन के 3.12 बजे अमावस्या तिथि लग जायेगी, जो एक नवंबर शाम 5.14 बजे तक रहेगी. 31 को शाम में प्रदोष काल मिलने के कारण इसी दिन दीपावली का त्योहार मनाया जायेगा. वहीं एक नवंबर को स्नान दान की अमावस्या है. 29 अक्तूबर को धनतेरस है. धनतेरस को दिन के 11 बजे त्रयोदशी तिथि लग रही है.
इसी माह देवउठनी एकादशी
तिथि पर्व-त्योहार
18 अक्टूबर अशून्य शयन व्रत
20 अक्टूबर संकष्टी गणेश चतुर्थी और करवा चौथ
24 अक्टूबर अहोई अष्टमी
28 अक्टूबर रंभा एकादशी
30 अक्टूबर हनुमान जयंती
01 नवंबर स्नान दान की अमावस्या
02 नवंबर अन्नकूट
03 नवंबर यम द्वितीया व चित्रगुप्त पूजा
05 नवंबर विनायकी गणेश चतुर्थी और नहाय खाय
06 नवंबर खरना
07 नवंबर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ
08 नवंबर उदयाचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ
09 नवंबर गोपाष्टमी
10 नवंबर अक्षय नवमी
12 नवंबर हरि प्रबोधनी एकादशी
13 नवंबर प्रदोष व्रत
14 नवंबर बैकुंठ चतुर्दशी
15 नवंबर स्नानदान व व्रत की पूर्णिमा व देव दीपावली महोत्सव
(कार्तिक मास का समापन)