Wednesday, February 5, 2025
Google search engine
HomeDelhi NCRतंग दायरों की तोड़ दीवार असीम की और हो विस्तार

तंग दायरों की तोड़ दीवार असीम की और हो विस्तार

असल न्यूज़: पिंपरी, पुणे २३ जनवरी २०२५: आज जहां एक ओर देश और दुनिया में समाज हर प्रकार से संकीर्णता और तंगदिली के दायरों में बँटा हुआ है। वहीं दूसरी ओर संत निरंकारी मिशन इन दीवारों को गिराकर विस्तार की ओर प्रेरित करने का प्रयास कर रहा है। सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के पावन सानिध्य में महाराष्ट्र का ५८ वां वार्षिक निरंकारी संत समागम २४ से २६ जनवरी २०२५ को आयोजित हो रहा है जिसमें ‘विस्तार असीम की ओर’ विषय के आधार पर आध्यात्मिक मंथन का दिव्य रूप सजेगा।

लगभग ३०० एकड़ क्षेत्र में सजने वाले भक्ति के इस महायज्ञ में देश और विदेशों से जहां लाखों श्रद्धालु भक्त और गणमान्य नागरिक सम्मिलित होंगे। वहीं इस निरंकारी संत समागम का सीधा प्रसारण भी पूरे विश्व में कई धर्म प्रेमी देखा पाएंगे। निरंकारी संत समागम की व्यवस्था मिशन के सेवादारों द्वारा बहुत ही मर्यादित एवं सुनियोजित रूप से २४ जनवरी से शुरू होकर निरंतर जारी हैं।

संत निरंकारी मिशन समागम चैयरमैन श्री शम्भुनाथ तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि स्वास्थ्य, सुरक्षा, यातायात, कैंटीन, सहायता, पार्किंग, स्वच्छता और अन्य मूलभूत सेवाओं को निभाने के लिए संत निरंकारी सेवादल के लगभग १५ हजार सदस्य समर्पित भावना से जुटे रहेंगे।

संत समागम के तीनो दिन दोपहर २:०० बजे से रात ८:३० बजे तक मुख्य कार्यक्रम आयोजित होगा, जिसमें अनेक विद्वान अपने भाव व्यक्त करेंगे और अनेक समर्पित संगीतज्ञों के माध्यम से भक्ति भाव की छटा बिखरेंगे जिसमे हर वर्ष आयु वर्ग के अनेक भाषा-भाषी शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी एक रूहानी कवि दरबार समागम का विशेष आकर्षण बना रहेगा। सत्संग के अंत में सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित जी के प्रेरक प्रवचनों से सभी श्रद्धालु लाभान्वित होंगे।

निरंकारी मिशन के संत कलाकारों द्वारा एक अनूठी प्रदर्शनी भी लगाई जा रही है, जहां मिशन के इतिहास, दर्शन, आध्यात्मिक और सामाजिक गतिविधियों का मनोरम चित्रण किया गया है। मिशन द्वारा प्रकाशित सभी पत्रिकाएं और पुस्तकें भी समागम में उपलब्ध होंगी।

इस विशाल संत समागम के आयोजन में महाराष्ट्र राज्य की व्यवस्था से जुड़ी विभिन्न एजेंसियों का भी महत्त्वपूर्ण योगदान रहेगा। मानव मन की सोच और दृष्टि को ज्ञान और विचार के आधार पर विस्तार प्रदान करने वाले इस संत समागम में आप सभी का स्वागत है।

समागम संबंधित विस्तृत विवरण

पिम्परी, पुणे में आयोजित होने वाले ५८ वें वार्षिक निरंकारी संत समागम का विस्तार लगभग ३०० एकड़ में है। जहाँ आध्यात्मिकता का ध्वज हर वर्ष की भाँति पुनः प्रस्तुत होगा।

श्रद्धालु भक्तों की उपस्थिति:

इस पावन संत समागम में सम्पूर्ण भारतवर्ष से लगभग २ लाख और दूर-देशों से लगभग ५०० श्रद्धालु भक्तजन सम्ल्लित होकर आध्यात्मिक वातावरण में आनंद प्राप्त करेंगे।

सेवादल:

समागम परिसर के अंतर्गत सम्पूर्ण तैयारियों से लेकर समागम की सम्पन्नता तक सेवादल के लगभग १५ हजार सेवा हेतु तत्पर रहेंगे। निरंकारी मिशन के सेवादार दिन रात अपनी सेवाओं में अनुशासित एवं मर्यादित रूप में अपनी सेवाएं अर्पित करते है। सेवा सत्कार की यह निस्वार्थ भावना इस वर्ष भी प्रदर्शित होगी।

स्वास्थ्य:

स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग की ओर से इस वर्ष समागम स्थल पर ३ डिस्पेंसरी स्थापित की गई हैं। इसके अतिरिक्त १ प्राथमिक चिकित्सा केंद्र १ कायरो चिकित्सा पद्धति शिविर की सुविधाएँ भी उपलब्ध कराई जाएँगी। साथ ही गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों के लिए सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

एम्बुलेंस सेवाएं:

इस वर्ष समागम स्थल पर ११ एम्बुलेंस तैनात रहेंगी। इसके अतिरिक्त, आपातकालीन स्थिति में मरीजों को ले जाने के लिए उचित प्रबंध किया गया है।

सुरक्षा प्रबंधन:

समागम स्थल की सुरक्षा व्यवस्था के लिए महाराष्ट्र सरकार के सहयोग से समुचित प्रबंधन किया गया है जिसमें ७ गेट पर ७ चेक पोस्ट बनाए गए हैं। इसके अतिरिक्त प्रत्येक स्थान पर अतिरिक्त चेक पोस्ट की व्यवस्था की गई है। मिशन के सेवादल दिन-रात पूरी सतर्कता के साथ ट्रैफिक कंट्रोल में रहेंगे और आने-जाने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होगी। सुरक्षा व्यवस्था के अंतर्गत हर वर्ष की भाँति स्पेशल ड्यूटी की टीम भी सक्रिय रहेगी।

महाराष्ट्र सरकार के सहयोग से बिजली, पानी, स्वच्छता और अग्निशामक शिविर की संख्या लगभग १५ है । साथ ही २ आग बुझाने की गाड़िया की व्यवस्था की गयी है। इसके अलावा महाराष्ट्र पुलिस, सिविल डिफेंस और स्पेशल ड्यूटी की सेवाएँ भी उपलब्ध कराई गई हैं।

लंगर और कैंटीन प्रबंधन:

समागम परिसर के प्रत्येक क्षेत्र में कैंटीन बनाने और उनके वितरण के लिए विशेष रूप से व्यवस्था की गई है। जिसके लिए ३ सामूहिक भोजन स्थान ;लंगर बनाए गए है। इसमें २४ घंटे निःशुल्क लंगर-प्रसाद सभी के लिए उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त, सभी मैदानों में ४ कैंटीन और २ उप-कैंटीन की व्यवस्था की गई है जिनमें चाय, कॉफी, शीतल पेय पदार्थ और अन्य खाद्य सामग्रियां सभी श्रद्धालुओं के लिए रियायती दरों पर उपलब्ध होंगे।

ज्ञान कक्ष:

समागम स्थल पर ३ ज्ञान कक्ष बनाये गए है जिसमे अनेको नए भक्त-जन परमात्मा की प्राप्ति करेंगे ।

संत समागम प्रवेशद्वार:

इस समागम में आने के लिए ७ प्रवेशद्वार बनाये गए है। जिनमें २ पुणे.मुंबई हाईवे, १ पिंपरी गांव से १ रहाटनी से, १ सांगवी फटा की और से, १ म्हाडा बिल्डिंग से, १ शास्त्री नगर की और से बनाया गया हैं।

यातायात व्यवस्था:

प्रत्येक वर्ष की भाँति सभी भक्तों के लिए प्रशासन और भारतीय रेलवे के सहयोग से यातायात का समुचित प्रबंध किया गया है। भारतीय रेलवे ने नियमित आगमन के लिए पुणे के लगभग सभी रेलवे स्टेशनों पर श्रद्धालुओं के लिए मोफत सुविधाएँ उपलब्ध कराई हैं।

पार्किंग व्यवस्था:

मंडल के ट्रांसपोर्ट विभाग की ओर से समागम स्थल पर भक्तों के लिए अनेको बसों की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालु भक्तों एवं आगंतुकों के लिए सत्संग पंडाल से कुछ दूरी पर उद्देश्य से विभिन्न स्थानों को चिन्हित किया गया है ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

संत निरंकारी मिशन का इतिहास:

निरंकारी मिशन ब्रह्मज्ञान की दिव्य रोशनी से समूची मानवता को एकत्व के सूत्र में बाँधने का प्रयास करता है। वर्ष १९२९ से ही मिशन सतगुरु के दिव्य संदेश को जनमानस तक पहुंचा रहा है। वर्ष १९४८ में इस संत समागम की अविरल श्रृंखला का प्रारंभ किया गया, जो कि पिछले ९६ वर्षों से सफलतापूर्वक आयोजित हो रहा है। वर्तमान में सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज नई ऊर्जा के साथ सत्य के इस पावन संदेश को संपूर्ण भारत और विदेशों में प्रसारित कर रहे है। महाराष्ट्र में १९६७ से संत समागम की शुरुआत हुई और ये साल इस समागम का ५८ वा वर्ष है।

निरंकारी प्रदर्शनी:

इस वर्ष सभी संतों के लिए मुख्य आकर्षण के रूप में निरंकारी प्रदर्शनी आयोजित की जा रही है जिसका आधार ‘विस्तार असीम की ओर’ है। पहले भाग में श्रद्धालुओं को मिशन के इतिहास, विचारधारा, और संस्थागत गतिविधियों के अतिरिक्त लक्षणीय कार्यों द्वारा देश और विदेशों में की गई मानवतावादी कल्याणकारी यात्रा की समुचित जानकारी प्राप्त होगी। दूसरे भाग में निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग के सभी उपक्रमों और गतिविधियों को दर्शाया जाएगा। तृतीय भाग के अंतर्गत बाल प्रदर्शनी को बड़े ही मनमोहक और प्रेरणादायक रूप में बाल संतों द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा।

पत्रिका विभाग:

इस वर्ष प्रकाशन विभाग द्वारा ६ स्टॉल कार्यक्रम स्थल पर लगाए जाएंगे। यहाँ से सभी श्रद्धालु मिशन के साहित्य, फोटो, डायरी, कैलेंडर और समागम विशेषांक को प्राप्त कर सकेंगे। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी पत्रिका विभाग नए सदस्यों के पंजीकरण के लिए अपना कार्यालय कार्यक्रम स्थल पर स्थापित करेगा। समागम के शुभ अवसर पर पत्रिका विभाग द्वारा विशेष स्मारिका ‘विस्तार असीम की ओर’ भी प्रकाशित किया जा रहा है।

कचरा निपटान प्रबंधन:

समागम पर स्वच्छता का विशेष ध्यान रखते हुए कचरे के निपटारन हेतु भी उचित व्यवस्था महाराष्ट्र सरकार की और से की गयी है। संत निरंकारी मंडल की और से भी कचरा संकलन करके नगरपालिका कचरा डेपो में ले जाने की व्यवस्था की गयी है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments