असल न्यूज़: रंगो और खुशियों को बिखेरने वाला साल का सबसे प्रिय त्योहार होली इस बार 25 मार्च के दिन मनाया जाएगा। जहां लोगों में होली खेलने की एक तरफ धूम दिखेगी, वहीं हिंदू धर्म के कुछ मांगलिक कार्यों पर रोक लगने जा रही है। होली से 11 दिन पहले ही सभी मांगलिक कार्य जैसे कि विवाह, मुंडन, ग्रह प्रवेश समेत कई शुभ कार्यों पर ब्रेक लगने जा रहा है। आखिर ऐसा क्यों है और कब तक ये मांगलिक कार्य बंद रहेंगे आइए जानते हैं हिंदू पंचांग के अनुसार।
मांगलिक कार्य इस वजह से होंगे वर्जित
जहां एक तरफ लोगों में होली के उत्सव को मनाने की खुशियां झलक रही हैं, वहीं मांगलिक कार्यों पर खरमास, होलाष्टक और चंद्र ग्रहण के चलते रोक लग जाएगी। इस बार होली से पहले खरमास, होलाष्टक प्रारंभ हो जाएगा और होली के दिन चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। ऐसे में मांगलिक कार्य करना अशुभ माना जाता है।
खरमास- इस बार 14 मार्च 2024 से खरमास प्रारंभ होने जा रहा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार खरमास में कोई भी मांगलिक कार्य करना शुभ नहीं माना जाता है। यह खरमास पूरे 1 महीने तक रहेगा। इस लिहाज से यह खरमास 14 मार्च 2024 से शुरू होगा और 13 अप्रैल 2024 को समाप्त हो जाएगा। हिंदू धर्म के अनुसार इस बीच कोई भी मांगलिक नहीं किए जाएंगे।
होलाष्टक- होली से ठीक 8 दिन पहले होलाष्टक लग जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार होलाष्टक 17 मार्च को सुबह 9 बजकर 53 मिनट से शुरू होगा और इसका समापन 24 मार्च को होगा। शास्त्रों में भी होलाष्टक के दौरान विवाह, मुंडन, नामकरण संस्कार आदि मांगलिक कार्य करना शुभ नहीं माना जाता है।
चंद्र ग्रहण- होली जिस दिन मनाई जाएगी उस दिन चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है और चंद्र ग्रहण से ठीक 9 घंटे पहले सूतक काल प्रारंभ हो जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार चंद्र ग्रहण इस बार 25 मार्च 2024 को सुबह 10 बजकर 23 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 2 मिनट तक रहेगा। इसका सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है। लेकिन यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं लग रहा है इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं माना जाएगा। ग्रहण के दौरान जब से सूतक काल प्रारंभ होता है उस दौरान कुछ भी नहीं खाना चाहिए और काई भी शुभ काम चंद्र ग्रहण के दौरान नहीं करना चाहिए।
कौन-कौन से कार्य नहीं किए जाएंगे इस दौरान
खरमास, होलाष्टक और चंद्र ग्रहण के दौरान विवाह, नामकरण, बच्चों का मुंडन, ग्रह प्रवेश या नया घर खरीदना, धार्मिक अनुष्ठान जैसे कि यज्ञ-हवन आदि मांगलिक कार्य करना हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार वर्जित माना जाता है। इस दौरान इन मांगलिक कार्यों को करने से दोष लगता है और जीवन में परेशानियां बनी रहती हैं। इसलिए इस दौरान बहतर होगा कि ये कार्य न करें।