Saturday, July 27, 2024
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Somvati Amavasya 2024: सोमवती अमावस्या पर भूलकर भी न करें 5 काम, पितर होंगे नाराज, शिव कृपा से भी हो सकते वंचित

असल न्यूज़: इस साल 2024 की पहली सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल को है. सोमवती अमावस्या चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को है, उसे हम चैत्र अमावस्या भी कह सकते हैं. सोमवती अमावस्या की तिथि 8 अप्रैल को 03 बजकर 11 एएम से शुरू होगी और उस दिन ही रात 11 बजकर 50 मिनट पर खत्म होगी. सोमवती अमावस्या के दिन व्रत और शिव पूजा के अलावा पितरों को प्रसन्न करने के भी उपाय किए जाते हैं. सोमवती अमावस्या के दिन जहां कई काम करके पुण्य प्राप्त किए जाते हैं, वैसे ही उस दिन कुछ कामों को करने की मनाही होती है.

तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ कृष्ण कुमार भार्गव बताते हैं कि सोमवती अमावस्या के दिन आप सूर्योदय के समय से ही स्नान और दान कर सकते हैं. सोमवती अमावस्या पर स्नान-दान करने से पुण्य तो मिलता ही है, व्रत रखकर शिव पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. आइए जानते हैं कि सोमवती अमावस्या पर किन कामों को नहीं करना चाहिए.

सोमवती अमावस्या के दिन आपको कौआ, गाय, कुत्ता आदि को प्रताड़ित नहीं करना चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इन जीवों के माध्यम से ही आपके पितर अमावस्या के दिन दिए गए भोजन को ग्रहण करते हैं और इन जीवों का पंचबलि कर्म में बड़ा महत्व है. इनको प्रताड़ित करने से आपके पितर आप से नाराज हो सकते हैं. सनातन धर्म में जीवों के भी उपासना का महत्व है क्योंकि ये किसी न किसी ग्रह या देव से जुड़े होते हैं.

सोमवती अमावस्या के अवसर पर आपको किसी भी रंग के वस्त्रों का दान नहीं करना चाहिए. उस दिन आपको केवल सफेद रंग के वस्त्रों का ही दान करना चाहिए. अमावस्या या पितृ पक्ष के समय में अपने ​लिए सफेद वस्त्र नहीं खरीदते हैं क्योंकि यह पितरों के लिए खरीदकर दान करते हैं.

सोमवती अमावस्या के दिन तर्पण करना न भूलें. स्नान के बाद जब भी आप पितरों के लिए तर्पण करें तो उसमें काले तिल और कुश का उपयोग जरूर करें. कहा जाता है कि बिना कुश के तर्पण देने से जल पितरों तक नहीं पहुंच पाता है. जल से तर्पण देने के लिए कुश के पोरों का उपयोग करते हैं.

सोमवती अमावस्या वाले दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने का विधान है, लेकिन शिव पूजा में तुलसी के पत्ते, शंख, सिंदूर, हल्दी, नारियल, केतकी के फूल आदि का उपयोग नहीं करना चाहिए. यदि आप इन वस्तुओं को शिव पूजा में शामिल करते हैं तो महादेव आप से प्रसन्न होने की बजाय क्रोधित हो सकते हैं क्योंकि ये वस्तुएं भोलेनाथ की पूजा में वर्जित हैं.

सोमवती अमावस्या पर आपको दान देने से पीछे नहीं हटना चाहिए. यदि आप अपने पितरों के निमित्त दान देते हैं, तो वे प्रसन्न होकर आपको आशीर्वाद देते हैं. इससे आपके धन, सुख, समृद्धि, वंश आदि में बढ़ोत्तरी होती है. सोमवती
अमावस्या पर अनाज, फल, वस्त्र, गाय, सोना, भूमि आदि का दान कर सकते हैं
सोमवती अमावस्या के दिन पितरों को खुश करने के लिए आपको पितृ सूक्ति का पाठ जरूर करना चाहिए. इसके अलावा पितरों के देवता अर्यमा की पूजा करनी चाहिए

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