असल न्यूज़: अमेरिका की इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला लंबे समय से भारतीय कार बाजार में एंट्री करने की कोशिश कर रही थी. कंपनी की यह कोशिश अब रंग लाती दिखाई दे रही है. अमेरिका सहित कई अन्य बाजारों के लिए टेस्ला लेफ्ट हैंड ड्राइव कारें बनती है. लेकिन, अब टेस्ला ने अपने जर्मनी के प्लांट में राइट हैंड ड्राइव कारों का प्रोडक्शन शुरू कर दिया है और भारत में राइट हैंड ड्राइव कारें होती हैं.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, टेस्ला की प्लानिंग के जानकार तीन लोगों ने अपनी पहचान को गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि कंपनी ने जर्मनी के अपने प्लांट में राइट-हैंड ड्राइव कारों का प्रोडक्शन शुरू कर दिया है, जिन्हें इस साल के आखिर से भारत में एक्सपोर्ट किया जाएगा. यह दुनिया के तीसरे सबसे बड़े कार बाजार यानी भारत में एंट्री के लिए आगे बढ़ रही है.
एक शख्स ने कहा, “भारत को जो राइट-हैंड ड्राइव कारें आवंटित की जाएंगी, उनका निर्माण शुरू कर दिया गया है.” फिलहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि टेस्ला भारत में कौन सा मॉडल एक्सपोर्ट करने की योजना बना रही है. लेकिन, यह अभी बर्लिन के पास अपने कारखाने में केवल मॉडल Y का प्रोडक्शन करती है.
नई भारतीय नीति के तहत कंपनियां कम टैक्स रेट पर प्रति वर्ष 8,000 कारों तक आयात कर सकती हैं. बर्लिन में राइट-हैंड ड्राइव (आरएचडी) कारों के प्रोडक्शन भारत में शिपमेंट की योजना का पहला संकेत है. जबकि, अभी तक टेस्ला के शंघाई प्लांट में ऑस्ट्रेलिया और जापान जैसे राइट-हैंड-ड्राइव बाजारों के लिए आरएचडी) कारें बनती रही हैं.
टेस्ला की एक टीम भारत में जल्द ही साइट देखने आएगी. रॉयटर्स के अनुसार, तीन में से दो लोगों ने कहा कि ‘टेस्ला की एक टीम इस महीने के अंत में भारत का दौरा कर सकती है ताकि कार विनिर्माण संयंत्र के लिए साइटों को देखा जा सके. इसके लिए लगभग 2 बिलियन डॉलर के निवेश की जरूरत होगी.’
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के दिमाग में सबसे ऊपर तीन राज्य- गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु हैं, जिनके पास ईवी बुनियादी ढांचा है और साथ ही बंदरगाह भी हैं. यह इलेक्ट्रिक कार की दिग्गज कंपनी के लिए “कारों का निर्यात करने को” आसान बना सकते हैं.