Friday, October 11, 2024
Google search engine
Homeबड़ी खबरधीरेंद्र शास्त्री पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज...

धीरेंद्र शास्त्री पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज हो-एमपी हाई कोर्ट का आदेश.

असल न्यूज़: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 का पहला फैसला सामने आया है. हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता की शिकायत पर नए कानून के तहत पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.यह याचिका कथा वाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने से जुड़ा हुआ है.

नरसिंहपुर निवासी अमीश तिवारी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर गुरुशरण शर्मा के खिलाफ नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत कार्रवाई की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि गुरुशरण शर्मा द्वारा लगातार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर आपत्तिजनक टिप्पणी की जा रही है.

इस मामले में पुलिस ने कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की है. हाई कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिए हैं कि अमीश तिवारी की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की जाए और अगर एफआईआर दर्ज नहीं की जा रही है तो उचित कारण बताया ताकि शिकायतकर्ता अदालत में आ सके.

दरअसल, नरसिंहपुर निवासी अमीश तिवारी की ओर से हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी,जिसमें कहा गया कि उनके आराध्य और गुरु पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर गुरुशरण शर्मा नाम के संत द्वारा लगातार आपत्तिजनक टिप्पणी की जा रही है. इसका प्रचार प्रसार भी सोशल मीडिया पर जमकर किया जा रहा है.गुरुशरण शर्मा की इस बयान बाजी से न केवल उनके गुरु का अपमान भी किया जा रहा है, बल्कि उनकी आस्था को ठेस भी पहुंची है.

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता पंकज दुबे ने गुरुशरण शर्मा के खिलाफ नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत कार्रवाई की मांग की गई. याचिका में बताया गया कि अमीश तिवारी ने इस बात की शिकायत नरसिंहपुर थाने में भी की है लेकिन पुलिस ने उनकी शिकायत पर कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की.याचिका में हाई कोर्ट में कहा गया कि नए कानून नागरिक सुरक्षा संहिता में यह प्रावधान है कि शिकायत के बाद 14 दिवस के अंदर पुलिस को कार्रवाई करनी ही होगी या फिर शिकायतकर्ता को एफआईआर दर्ज न करने का कारण बताना होगा.

अब नए कानून के तहत शिकायतकर्ता की शिकायत पर पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए. याचिका में उठाए गए तर्को को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिए हैं कि अमीश तिवारी की शिकायत पर पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज की जाए और अगर एफआईआर दर्ज नहीं की जा रही है तो उचित कारण बताया जाए ताकि शिकायतकर्ता अदालत में आ सके.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments