असल न्यूज़: अग्निवीर सैनिकों (Agniveer Scheme) के मामले पर सरकार और विपक्ष आमने-सामने हैं. नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि जनवरी में एक लैंडमाइन ब्लास्ट में अपनी जान गंवाने वाले अग्निवीर सैनिक अजय कुमार के परिवार को सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता नहीं मिली. राहुल गांधी के आरोप के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह संसद में जवाब दिया कि अग्निवीर के परिवार को सेना की तरफ से एक करोड़ रुपए का मुआवजा दिया गया है. हालांकि राहुल गांधी ने इसके बाद एक और वीडियो जारी करते हुए सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगा दिया.
इसके बाद 3 जुलाई को सेना की तरफ से बाकायदा एक बयान जारी किया गया. जिसमें बताया गया कि अग्निवीर अजय कुमार के परिवार को कुल 1.65 करोड़ रुपए मुआवजे के तौर पर मिलेंगे, जिसमें से 98.39 लाख रुपए दिए जा चुके हैं. तो सेना के रेगुलर और अग्निवीर सैनिकों को क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं, कितना मुआवजा मिलता है, दोनों में क्या फर्क है, कौन सी सुविधाएं सिर्फ रेगुलर सैनिकों को मिलती हैं? समझते हैं इस Explainer में…
इंश्योरेंस और Ex Gratia
पहले रेगुलर सैनिकों की बात करते हैं. नौकरी के दौरान जान गंवाने वाले रेगुलर सैनिकों को ए से लेकर ई तक कुल 5 कैटेगरी में रखा गया है. जबकि अग्निवीर सैनिकों को X,Y और Z कैटेगरी में रखा गया है.
इंश्योरेंस (Insurance)
–नियमित सैनिक आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड में प्रति माह 5,000 रुपये का योगदान करते हैं, जो उन्हें 50 लाख रुपये का बीमा देता है. दूसरी तरफ, अग्निवीरों का बीमा भी 48 लाख रुपये का होता है, लेकिन वे इस इंश्योरेंस के प्रीमियम के रूप में अपनी सैलरी से कोई योगदान नहीं देते हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बीमा राशि का भुगतान सभी सैनिकों और अग्निवीरों को किया जाता है, चाहे मृत्यु का कारण कुछ भी हो.– आर्मी (Indiran Army) ने तमाम बैंकों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) साइन किया है, जहां अग्निवीरों सहित सभी रक्षा कर्मियों का वेतन रक्षा वेतन पैकेज के तहत जमा किया जाता है. बैंक भी इन कर्मचारियों का अलग-अलग बीमा करते हैं.
अनुग्रह राशि (EX GRATIA)
यदि किसी अग्निवीर सैनिक की सेवा के दौरान या किसी ऑपरेशन में जान चली जाती है तो उसके लिए अनुग्रह राशि के रूप में 44 लाख रुपये निर्धारित किए गए हैं. दूसरी तरफ रेगुलर सैनिकों को कैजुअल्टी की गंभीरता के आधार पर 25 लाख रुपये, 35 लाख रुपये या 45 लाख रुपये अनुग्रह राशि दी जाती है. यहां यह भी जानना जरूरी है कि अगर किसी रेगुलर सैनिक या अग्निवीर सैनिक की मौत, सैन्य सेवा के कारण नहीं होती है तो इस केस में वे किसी भी अनुग्रह राशि के पात्र नहीं हैं.
अगर राज्यों की बात करें तो कई राज्य देश सेवा में जान गंवाने वाले या घायल सैनिकों को अनुग्रह राशि देते हैं. यह 1 करोड़ रुपये तक होती है और अग्निवीरों और नियमित सैनिकों दोनों पर लागू होती है.
अतिरिक्त राशि: इसके अलावा अग्निवीरों और नियमित सैनिकों को ऑपरेशन के दौरान मृत्यु होने पर 8 लाख रुपये और किसी अन्य कारण से मृत्यु होने पर 2.5 लाख रुपये दिए जाते हैं.
सेवा निधि
अग्निवीरों के लिए सेवा निधि स्कीम भी है. यह एक कॉन्ट्रीब्यूटरी स्कीम (अंशदायी योजना) है और रेगुलर सैनिकों को इसका लाभ नहीं मिलता. अगर किसी अग्निवीर सैनिक का निधन, जो सैन्य सेवा के कारण न हुई हो तो मृत्यु की तारीख तक जमा की गई राशि, सरकार के योगदान और ब्याज के साथ मिलती है. इसी तरह, अगर किसी अग्निवीर की ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो जाती है तो उन्हें सेवा निधि सहित, अगले चार साल तक की अवधि का पूरा वेतन मिलता है.
रेगुलर सैनिकों को क्या अलग मिलता है?
इंश्योरेंस, सेवा निधि, अनुग्रह राशि जैसी चीजों के अलावा तमाम ऐसी सुविधाएं हैं जो सिर्फ रेगुलर सैनिकों को ही मिलती हैं. जैसे- ग्रेच्युटी और मासिक पारिवारिक पेंशन. रेगुलर सैनिकों को अधिकतम 25 लाख रुपये की ग्रेच्युटी मिलती हैं. हाल ही में महंगाई भत्ता (डीए) 50% पार कर गया तो, ग्रेच्युटी की रकम 20 लाख से बढ़ाकर 25 लाख कर दी गई.
इसके अलावा जिन सैनिकों की साधारण मृत्यु (जो सैन्य सेवा के कारण नहीं होती) होती है, उनके परिवारों को साधारण पारिवारिक पेंशन मिलती है. शुरुआती 10 साल तक आखिरी वेतन का 50% पेंशन के तौर पर मिलता है और उसके बाद 30% पेंशन मिलती है. अगर किसी सैनिक का निधन सैन्य सेवा के कारण होता है तो इस केस में विशेष पारिवारिक पेंशन लागू होती है, जो सैनिक के अंतिम वेतन का 60% है. इसी तरह ऑपरेशन में शहीद सैनिकों के परिवार को एक उदारीकृत पारिवारिक पेंशन मिलता है, जो अंतिम वेतन का 100% है. यह पेंशन टैक्स फ्री है.
यहां ध्यान रखना जरूरी है कि ये पशनों को ‘वन रैंक वन पेंशन’ स्कीम (ओआरओपी) और वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार समय-समय पर संशोधित होती रहती हैं. पेंशन में डीए भी जोड़ा जाता है.
रेगुलर सैनिक के बच्चों को क्या मिलता है?
1. अगर कोई सैनिक ऑपरेशन में शहीद हो जाता है (battle casualty benefits) तो बच्चों को एजुकेशन अलाउंस (Education Allowance) मिलता है. यह भत्ता स्कूल/कॉलेज की फीस और किताबों की लागत के बराबर होता है और स्नातक होने तक मिलता है. भत्ते में परिवहन, हॉस्टल औ ड्रेस जैसी चीजों की लागत भी शामिल है.
2. बैटल कैजुअल्टी (Battle Casualty) के अलावा, रेगुलर सैनिक के बच्चों को कक्षा 1 से लेकर प्रोफेशनल कोर्स के लिए 10,000 रुपये प्रति वर्ष से लेकर 50,000 रुपये प्रति वर्ष तक की शैक्षिक छात्रवृत्ति दी जाती है. ऐसे सैनिकों की पत्नियां भी स्नातक और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रति वर्ष 20,000-50,000 रुपये की हकदार हैं.
3. रेगुलर सैनिकों (Regular Soldiers) के परिवार को भूतपूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) का लाभ भी मिलता है. यह सीजीएचएस जैसी स्कीम है और सैनिक के परिवार वाले इस योजना के जरिये हेल्थ बेनिफिट ले सकते हैं.