असल न्यूज़: दिल्ली के शराब नीति केस में ED और CBI की जांच का सामना कर रहे अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. AAP सरकार में शिक्षा और वित्त मंत्री आतिशी को विधायक दल का नेता चुना गया है. आतिशी ने नई सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया है. यहां तक कि उनके शपथ लेने की डेट भी सामने आ चुकी है.
बता दें कि 21 सितंबर को शपथ ग्रहण हो सकता है. हालांकि, केजरीवाल के इस्तीफे और आतिशी का नई सरकार बनाने का दावा पेश करने को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. कानून के जानकार तो यहां तक कह रहे हैं कि जब CM का पद खाली ही नहीं है, तो आतिशी कैसे CM बन सकती हैं? आइए जानते हैं दिल्ली की सियासत में अब क्या होगी आगे की राह:-
क्या लीगल माना जाएगा केजरीवाल का इस्तीफा?
दिल्ली की सियासत में सबसे बड़ा पेच तो केजरीवाल के इस्तीफे को लेकर ही फंसा हुआ है. सुप्रीम कोर्ट ने 13 सितंबर को अरविंद केजरीवाल को CBI केस में जमानत देते समय कुछ शर्तें लगाई थीं. अदालत ने कहा था कि केजरीवाल पर रिहा होने के बाद न तो CM दफ्तर जाएंगे. न ही सरकारी फाइलों पर साइन करेंगे. ऐसे में सवाल उठता है कि वो इस्तीफा कैसे देंगे? क्योंकि एक मुख्यमंत्री का संवैधानिक पद से इस्तीफा देना भी शासकीय काम है.
बड़ा सवाल ये है कि कोर्ट ने केजरीवाल को जमानंत देते वक्त जो शर्ते रखी थी उनका उलंघन हुआ है केजरीवाल का इस्तीफा अगर लीगल नहीं है और उसे मंजूरी नहीं मिलती तो आतिशी CM पद की शपथ कैसे ले सकती है?
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