असल न्यूज़: दिल्ली के निर्भया कांड-2 की पीडि़त युवती बड़े सपने लेकर दिल्ली आई थी। मगर दिल्ली ने उसे ऐसा दर्द दिया कि वह उसे कभी भूला नहीं सकती। मास्टर इन सोशल वर्क डिग्री होल्डर युवती ने अपनी नर्सिंग की नौकरी छोड़कर उसने अपना जीवन विशेष रूप से गरीबों, महिलाओं और हाशिए के समुदायों के लिए समाज सेवा के लिए समर्पित कर दिया। वह सामाजिक कार्य के प्रति अपने जुनून को महसूस करने और एक नए अवसर की तलाश में दिल्ली आई थी। पीडि़ता ने सामाजिक क्षेत्र में आठ वर्षो तक काम किया है।
उड़ीसा पुलिस अधिकारियों के अनुसार शोधकर्ता, सुविधाकर्ता, सामुदायिक नेता इस युवती ने 2007-2010 में आर्ट्स में बीए, 2009-2011 सहायक नर्सिंग मिडवाइव्स और 2011-2013 मास्टर इन सोशल वर्क की डिग्री हासिल की थी।
पीड़िता ने 2010-2012 एचआईवी एड्स के साथ रहने के लिए रिसर्च फेलो ले रखी है। वह 2012-2014 स्वच्छता जागरूकता के लिए महिला शक्ति में सामुदायिक नेता बनी। 2014-2018 में नर्सिंग की पढ़ाई की। इसके बाद वह ओडिसा में काउंसलर बनी। वह एक एनजीओ में फैसिलिटेटर थीं। वह तीन भाषाओं का ज्ञान रखती है।
अंधेरे का फायदा उठाकर आईटीओ पर किया सामूहिक दुष्कर्म
पीडि़ता नेबसराय में ननों के पास रहती थी। यहां पर कुछ संतुलन बिगड़ गया तो वह जुलाई में रोड पर आ गई। दिल्ली की सड़कों पर भटकते-भटकते हुए वह पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंची। यहां पर प्रतीक्षा कक्ष में करीब डेढ़ महीने रही। युवती 10 व 11 अक्तूबर की रात पुरानी दिल्ली पुलिस रेलवे स्टेशन से निकलकर रात करीब नौ बजे आईटीओ पहुंच गई।
राजघाट के पास ऑटो में किया दुष्कर्म
यहां पर आरोपी प्रमोद व शमशुल उसे मेट्रो स्टेशन के पास अंधेरे में झाड़ियों में खींचकर ले जा रहे थे। उसे ऑटो चालक प्रभु ने देख लिया। उसके बाद तीनों ने उसके साथ दरिंदगी की और शरीर को नोंचा। आरोपियों की दरिंदगी यहीं नहीं खत्म हुई। ऑटो चालक प्रभु उसे ऑटो में डालकर रिंग रोड व फिरोशाह कोटला किले के पीछे सर्विस रोड पर ले गया। यहां उसने युवती के साथ ऑटो में कई बार रेप व दरिंदगी की। इसके बाद आरोपी उसे अर्धनग्न अवस्था में छोड़ दिया।
हजारों वाहनों में से किसी को युवती पर दया नहीं आई
दिल्ली में वसंत विहार निर्भया केस फिर दोहराया गया। दिल्ली पुलिस के पुराने मुख्यालय से कुछ मीटर की दूरी आईटीओ पर महिलाओं व गरीबों के लिए काम कर रही युवती के साथ तीन दरिंदों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। उसके बाद ऑटो चालक ने राजघाट के पास गांधी स्मृति वाली सर्विस रोड पर ले जाकर उसके साथ ऑटो में दुष्कर्म किया। बार-बार किए गए दुष्कर्म से युवती का मानसिक संतुलन बिगड़ गया। ओडिशा की ये युवती (34) अर्धनग्न अवस्था में राजघाट से पैदल चलते हुए सराय कालेखां पहुंच गई। युवती के निजी अंगों से खून बहता रहा, मगर रिंग रोड पर उस समय गुजरे हजारों वाहनों में से किसी को युवती पर दया नहीं आई। यह घटना 10 व 11 अक्तूबर की रात करीब 9.30 बजे की है।
सराये कालेखां पर युवती को देखकर एक नौसेना के अधिकारी ने पुलिस को सूचना दी। दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अगर नौसेना अधिकारी पुलिस को सूचना नहीं देते तो युवती की मौत भी हो सकती थी। एम्स में युवती के निजी अंगों का ऑपरेशन हुआ है।
गहरा सदमा लगने के कारण युवती अभी एम्स के मनोचिकित्सक विभाग में भर्ती है। दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस ने करीब 21 दिन की कड़ी मेहनत से तीन आरोपियों ऑटो चालक प्रभु, कबाड़ी की दुकान पर काम करने वाला प्रमोद और शमशुल लगड़ा को गिरफ्तार किया है।
दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस उपायुक्त रवि कुमार सिंह ने आरोपियों की गिरफ्तार करने की पुष्टि की है। आरोपियों के पकड़े जाने के बाद पीड़ित युवती के साथ दरिंदगी का खुलासा हुआ है। आरोपियों को पकड़ने के लिए महिला सिपाही संगीता पीड़िता से सोशल वर्कर बनकर मिली। उसके बाद पीड़िता ने अपने साथ हुई दरिंदगी बयां की।
एसीपी ऐश्वर्या सिंह ने पीड़िता को न्याय दिलाना अपना उद्देश्य बना लिया था। पुलिस ने पीड़िता की खून से सनी सलवार गांधी स्मृति वाले सर्विस रोड से बरामद कर ली है। आरोपी प्रभु का ऑटो भी बरामद कर लिया गया है। परिजन उसे लेने दिल्ली आए मगर वह गई नहीं
युवती को किसी साथी ने उसे अच्छा काम दिलाने के लिए दिल्ली बुलाया था। वहां पर साथी इसका खर्चा उठाने लगा तो युवती उसको भारी पडने लगी। उसके बाद युवती किशनगढ़ थाना क्षेत्र में ननों के साथ रही। यहां पर उसका कुछ मानसिक संतलुन बिगड़ गया। फिर वह सड़क पर आ गई। किशनगढ़ थाने में एक नन ने इसकी रिपोर्ट दी। बताया जा रहा है कि ओडिशा में परिजनों को सूचना दी गई। परिजन उसे लेने दिल्ली आए मगर वह गई नहीं।