असल न्यूज़: दिल्ली मेट्रो के फेज-4 के सभी कॉरिडोर पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के जरिये भीड़ प्रबंधन और ट्रेनों का रखरखाव किया जाएगा। इन काॅरिडोर पर तीन और छह कोच वाली ट्रेनों का संचालन होगा और जरूरत पर कोच की संख्या घटाई और बढ़ाई जाएगी।
डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक (एमडी) विकास कुमार ने बताया कि मेट्रो ने हमेशा तकनीकी नवाचारों के साथ तालमेल बनाए रखा है। तकनीक इतनी तेजी से विकसित हो रही है। चालक रहित मेट्रो उसी का एक उत्पाद है। चालक रहित मेट्रो एक ऐसा चरण है जहां चालक दल या समय-सारणी की आवश्यकता नहीं होती। केवल बटन पर क्लिक करने पर ट्रेन शुरू कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि अगर कहीं भीड़ आ गई है और इसकी तैयारी पहले से नहीं थी। इस स्थिति में चालक रहित ट्रेन तुरंत सेवा में होगी। वहीं अन्य स्थिति में पहले चालक की व्यवस्था करनी होगी। मेट्रो फेज-4 परियोजना में तीन कोच और छह कोच की संरचना वाली ट्रेन हो सकती है। जब मांग कम होगी, तो छह कोच वाली ट्रेन को तीन कोच वाली ट्रेनों में विभाजित किया जाएगा। जब मांग अधिक होगी तो उसे छह काेच कर दिया जाएगा।
कंट्रोल रूम को पता चल जाएगी मांग की जानकारी एआई के जरिये कंट्रोल रूम को पता चल जाएगा कि कहां कितनी मांग है। उस हिसाब से ट्रेनों को ऑन रूट ही मोडिफाई किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि एआई आधारित तकनीक उचित परिणाम देगी यह निर्णय लेने की प्रक्रियाओं के शीर्ष पर है। एआई जितना अधिक प्रभावशाली होगा, आपके पास उतना ही अधिक डेटा होगा। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी और चेहरे की पहचान के लिए कैमरों का इस्तेमाल आदि किया जाएगा। इससे भीड़ नियंत्रण किया जाएगा। इसको लेकर काम चल रहा है।
दिल्ली-एनसीआर में मेट्रो नेटवर्क के विस्तार की है गुंजाइश
एमडी विकास कुमार ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर बड़ा महानगर है। यहां मेट्रो नेटवर्क में विस्तार की काफी गुंजाइश है। डीएमआरसी के राजस्व के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान दो साल घाटा हुआ, लेकिन अब इससे बाहर आ चुके है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कुल मिलाकर अगर ऋण के पुनर्भुगतान पर विचार करते हैं, तो यह लाभ कमाने वाला नहीं है। लेकिन हम परिचालन लाभ कमा रहे हैं। संचालन और रखरखाव में जो भी खर्च है, उससे ज्यादा टिकटिंग और गैर-किराया राजस्व के जरिये कमा रहे हैं। इससे ब्याज का भुगतान करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान मेट्रो परिसर के बहुत सारे व्यवसाय बंद हुए अब लोग वापस आ रहे हैं। इससे लाभ मिलेगा।