असल न्यूज़: हिंदू धर्म में हर दिन किसी-न-किसी देवी या देवता को समर्पित होता है। इसी प्रकार गुरुवार का दिन जगत के पालनहार प्रभु श्री हरि को समर्पित माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुरुवार का व्रत करने से साधक के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है, लेकिन इसके साथ ही इस व्रत से जुड़े कुछ नियमों का भी ध्यान रखना जरूरी है।
इस दिन से करें व्रत की शुरुआत
अगर आप पहली बार गुरुवार का व्रत रखने जा रहे हैं, तो किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार से इस व्रत की शुरुआत कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि इस व्रत को पौष माह में शुरू करना अच्छा नहीं माना जाता। लेकिन जो जातक पहले से गुरुवार का व्रत कर रहे हैं वह पौष मास में यह व्रत कर सकते हैं।
कितने गुरुवार का व्रत करना चाहिए?
यदि आप गुरुवार का व्रत शुरू करना चाहते हैं तो 5, 11, 21, 51, 101 आदि दिनों तक उपवास कर सकते हैं। इसके साथ ही 16 गुरुवार का व्रत रखना भी अच्छा माना जाता है। वहीं, आप गुरुवार का व्रत 1, 3, 4 या 7 साल तक भी कर सकते हैं।
गुरुवार पूजा नियम
गुरुवार के दिन सुबह जल्दी उठकर विष्णु जी और बृहस्पति देव का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। इसके बाद नारायण भगवान को पीले वस्त्र, फूल, फल, मिठाई आदि चढ़ाएं। इसके बाद गुरुवार व्रत कथा का पाठ करें। साथ ही केले के पेड़ की भी पूजा करें और अपनी पूजा में भी केले के पत्तों को शामिल करें। अंत में विष्णु जी की आरती करें। बस इस बात का ध्यान रखें कि गुरुवार व्रत में नमक का उपायोग नहीं करना चाहिए।