असल न्यूज़: राजधानी दिल्ली में भीषम गर्मी के बीच जल का संकट बना हुआ है। लगातार दिल्ली सरकार हरियाणा पर कम पानी छोड़ने का आरोप लगा रही है। इसी मुद्दे पर आज उपराज्यपाल वीके सक्सेना से जलमंत्री आतिशी और भारद्वाज मुलाकात करेंगे। पानी भरने के लिए कई इलाकों के लोग दिन भर टैंकर व पेयजल आपूर्ति का इंतजार करने का मजबूर हैं।
दिल्ली में पानी की समस्या को लेकर उपराज्यपाल वी के सक्सेना से जलमंत्री आतिशी और मंत्री सौरभ भारद्वाज 11 बजे एलजी सचिवालय में मुलाकात करेंगे। हरियाणा से कम पानी छोड़ने के मुद्दे पर मुलाकात होगी।
हरियाणा सरकार ने खारिज किए आरोप
दिल्ली सरकार के आरोपों को हरियाणा सरकार ने खारिज किया है। हरियाणा सरकार का कहना है कि वह दिल्ली को तय समझौते के तहत पानी दे रहे हैं। इसमें कोई कोताही नहीं की गई है। मुख्यमंत्री नायब सैनी के पब्लिसिटी एडवाइजर तरुण भंडारी ने कहा, पानी को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में है।
जल संकट पर दिल्ली सरकार का दावा
दिल्ली सरकार का दावा है कि हरियाणा से दिल्ली को पानी नहीं मिल रहा है वहीं भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि आधे-अधूरे आंकड़े का हवाला देकर हरियाणा सरकार पर दोष मढ़ा जा रहा है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को लिखे गए पत्र के लिए जल मंत्री आतिशी की कड़ी निंदा की है।
आतिशी के आरोप पर भाजपा का जवाब
सचदेवा ने कहा है की आतिशी जल संकट को लेकर हरियाणा पर झूठा दोषारोपण करती रही हैं। आधे अधूरे आंकड़ों के आधार पर पत्र लिखकर आरोप लगा रही है। जल चोरी व पानी की बर्बादी को रोकने की बजाय केवल बयानबाजी की जा रही है। एक से आठ जून के बीच के दिल्ली जलबोर्ड के डाटा को सार्वजनिक किया।
एक जून को हरियाणा से 547 एमजीडी जल मिलना था। इससे कही अधिक 607 एमजीडी जल मिला। इसी तरह दो जून को को भी 607 एमजीडी, 3, 4,5,6, जून को हरियाणा से प्रत्येक दिन 613 एमजीडी जल मिला। जबकि सात-आठ जून को हरियाणा से दोनों दिन 623 एमजीडी जल मिला। दिल्ली जल बोर्ड के आंकड़ों से यह साफ है की हरियाणा सरकार से दिल्ली को लगातार पूरा जल मिल रहा है।
पानी पर हरियाणा सरकार को घेरा
दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार दिल्ली में पेयजल संकट पैदा करने का षड्यंत्र रच रही है। इस कड़ी में वह लगातार दिल्ली के हक का पानी रोक रही है। वह दिल्ली के हिस्से का पानी यमुना में कम छोड़ रही है जबकि सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में पानी की समस्या का समाधान करने का प्रयास कर रहा है। हरियाणा सरकार के इस कदम का उन्होंने शुक्रवार को वजीराबाद बैराज का निरीक्षण करने के दौरान विरोध किया।
हरियाणा हमारे हक का पानी नहीं दे रहा
इस मौके पर आतिशी ने बताया कि हरियाणा सरकार की ओर से दिल्ली के हक का पूरा पानी नहीं देने के कारण वजीराबाद बैराज का जलस्तर दो जून को 671.3 फीट था। वहीं सात जून को जलस्तर घटकर 669.7 फीट रह गया है। उन्होंने खुलासा किया कि दो जून को पानी का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में पहुंचने के बाद हरियाणा सरकार ने लगातार दिल्ली की ओर यमुना में पानी छोड़ना कम कर दिया है जबकि सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के लोगों के पानी की समस्या का समाधान करने की कोशिश कर रहा है इसलिए सुप्रीम कोर्ट लगातार इस मामले की सुनवाई कर रहा है।
कई इलाकों में पानी की किल्लत
उन्होंने कहा कि दिल्ली अपनी पूरी पानी की आपूर्ति के मामले में यमुना नदी पर निर्भर है। यमुना में हरियाणा से छोड़े जाने वाला पानी ही आता है। इस पानी को दिल्ली जल बोर्ड वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला स्थित अपने जल शोधक संयंत्रों में साफ करके दिल्ली के करीब 30 प्रतिशत लोगों को मुहैया कराता है। मगर अब हरियाणा से पानी कम आने के कारण इन तीनों संयंत्रों को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। वह पूरी क्षमता से नहीं चल रहे हैं और उनसे जुड़े इलाकों में पानी की किल्लत हो गई है और लोगों को भारी दिक्कत हो रही है। वह पानी के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं।
हरियाणा व यूपी के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखना बंद करें जलमंत्री-भाजपा
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने जल मंत्री आतिशी की जल संकट के नाम पर राजनीति करने की निंदा की है। उन्होंने कहा है कि दिल्ली में कच्चे पानी की कमी नहीं है क्योंकि हरियाणा और उत्तराखंड प्रतिदिन अत्यधिक पानी प्रदान कर रहे हैं जो दिल्ली जल बोर्ड के रिकॉर्ड से सत्यापित किया जा सकता है। सचदेवा ने कहा कि दिल्ली का जल संकट दो कारणों से है। आतिशी केंद्रीय जल मंत्री, हरियाणा के मुख्यमंत्री और दिल्ली के मुख्यमंत्री को जल संकट को लेकर पत्र लिख चुकी हैं।