असल न्यूज़: पॉपुलर प्लेबैक सिंगर अलका याग्निक ने अपनी सुनने की क्षमता खो दी है. बीते दिनों सोमवार को सिंगर ने लिखा कि उन्हें वायरल अटैक के कारण ‘सेंसरी न्यूररल नर्व हियरिंग लॉस’ यानी बहरेपन का पता चला है. उन्होंने लिखा है कि वे फ्लाइट से बाहर निकलीं और उन्हें अचानक लगा कि वे कुछ भी सुन नहीं पा रही हैं. उन्होंने लोगों को हेडफोन पर तेज आवाज में गाने सुनने को लेकर भी सावधान किया है. ऐसे में आइए जानते हैं कि हेडफोन लगाकर गाने सुनने के लिए कितनी रखें आवाज कितनी रखनी चाहिए. कितना शोर कानों के लिए बेहतर होता है.
पहले की तुलना में ईयरफोन्स और ईयरबड्स का इस्तेमाल काफी ज्यादा बढ़ गया है. लोग अब वीडियो देखने, गाने सुनने या पॉडकास्ट सुनने के लिए इनका इस्तेमाल काफी ज्यादा करने लगे हैं. आजकल छोटे-छोटे बच्चे भी ऑनलाइन क्लास जैसी जरूरी चीजों के लिए घंटों ईयरफोन्स का इस्तेमाल करते हैं.
हेडफोन में ज्यादा देर तक तेज आवाज में गाने सुनने का शौक आपको हियरिंग लॉस जैसी गंभीर समस्या दे सकता है. फ्रांस के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड मेडिकल रिसर्च (INSERM) द्वारा की गई एक पुरानी स्टडी के मुताबिक, फ्रांस में बड़ी संख्या में लोग हेडफोन के कारण बहरेपन का शिकार हो रहे हैं. स्टडी में कहा गया था कि फ्रांस के 25% वयस्क सुनने की समस्या से जूझ रहे हैं. ऐसे में हम यहां समझेंगे कि ईयरफोन्स का इस्तेमाल कितनी देर करना चाहिए और सुनते वक्त हेडफोन में कितनी आवाज कानों के लिए सेफ है.
दिल्ली अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के पूर्व ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ. बीपी शर्मा के अनुसार एक समय में अधिकतम 15-20 मिनट से ज्यादा ईयरफोन, बड्स या हेडफोन इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इसके बाद कानों को आराम देना चाहिए. चाहें तो आप कुछ समय बाद फिर से ईयरफोन्स का इस्तेमाल कर सकते हैं.
कितना शोर कानों के लिए बेहतर?
ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ. शरद मोहन (MS) कहते हैं कि हेडफोन या ईयरफोन्स से 85dB या इससे ज्यादा आवाज पर गाने सुनना नॉइज इंड्यूस्ड हियरिंग लॉस (NIHL) की वजह बन सकता है. इसी तरह एक्सपर्ट्स मानते हैं कि ईयरफोन्स को 60 प्रतिशत की वॉल्यूम पर ही इस्तेमाल करना चाहिए. इस लिमिट को क्रॉस नहीं करना चाहिए.