Friday, November 8, 2024
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दिल्ली पुलिस का सिपाही साथी सहित एक करोड़ की ड्रग्स के साथ गिरफ्तार.

असल न्यूज़: नशे का कारोबार व दक्षिण अफ्रीका फरार हुआ दिल्ली पुलिस का सब-इंस्पेक्टर नरेश कुमार अभी तक पकड़ा भी नहीं गया है कि दिल्ली पुलिस के एक सिपाही ने फिर दिल्ली पुलिस की दाग लगा दिया था। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने दिल्ली पुलिस के सिपाही मनीष को एक करोड़ की ड्रग्स के साथ एक साथी समेत गिरफ्तार किया गया है। उसकी अरबन कू्रजर कार से एक किलो एमडीएमए ड्रग्स बरामद की गई है। ये ड्रग्स की खेप लेने आए थे। पुलिस को आशंका है कि दिल्ली पुलिस का ये सिपाही लंबे समय से ड्रग्स का कारोबार कर रहा है। स्पेशल सेल ने सिपाही व उसे साथी रवि को गुरुवार को कोर्ट में पेश कर दो दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सेल की ट्रांस यमुना यूनिट को सूचना मिली थी कि मादक पदार्थ तस्कर ड्रग्स एमडीएमए की खेप देने अरबन क्रूजर कार से जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास आएंगे। पुलिस टीम ने यहां घेराबंदी कर दो मादक पदार्थ तस्करों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें एक ही पहचान दिल्ली पुलिस के सिपाही मनीष के रूप में हुई। दूसरा आरोपी रवि नेपाल का रहने वाला है। मनीष की इस समय ड्यूटी दिल्ली ट्रैफिक पुलिस में है और वह अशोक विहार सर्किल में तैनात है। बताया जा रहा है कि अरबन कार सिपाही मनीष की है।

पुलिस को आशंका है कि सिपाही लंबे समय से नशे का कारोबार कर रहा है। पुलिस ने सिपाही समेत दोनों आरोपियों को दो दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है। दोनों से ये पूछताछ की जा रही है कि वह ड्रग्स कहां से लेकर आए थे और यहां दिल्ली में किसको सप्लाई की जानी थी। ये भी पता किया जा रहा है कि सिपाही नशे का ये कारोबार कब से कर रहा था। वह कहां से लेकर आता था। स्पेशल सेल ने सिपाही मनीष की गिरफ्तारी को लेकर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को सूचना दे दी है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने सिपाही के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है।

एमडीएमए क्या है?
एमडीएमए, जिसे एक्स्टसी या मौली के नाम से भी जाना जाता है, एक मनो-सक्रिय दवा है जिसका आमतौर पर मनोरंजन के लिए उपयोग किया जाता है। यह एक उत्तेजक और एंटैक्टोजेन है, जिसका अर्थ है कि यह ऊर्जा और सहानुभूति की भावनाओं को बढ़ा सकता है। एमडीएम का रईसों और अय्याशों द्वारा आयोजित रेव पार्टीज में इस्तेमाल किया जाता है। वैसे तो इस दवा की खोज चिकित्सा विज्ञान ने मानव हित के लिए किया था लेकिन 1980 से इसका उपयोग रेव पार्टी में किया जा रहा है। इस दवा को खाने वाला किसी के लेकर बेहद भावुक और संवेदनशील हो जाता है। ड्रग का असर आमतौर पर तीन से छह घंटे तक रहता है। अधिक मात्रा में इंसान के शरीर में एक बार में पहुंच जाए या फिर कई बार में जल्दी-जल्दी इसकी डोज इंसान को दी जाए, तो ये जानलेवा साबित हो सकता है। इसके साथ कई ड्रग्स का कॉम्बिनेशन भी खतरनाक माना जाता है।

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