असल न्यूज़: हिंदू पंचांग के अनुसार साल के 12 महीने काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं। क्योंकि इस 12 महीने में कई महत्वपूर्ण त्यौहार आते हैं। वहीं वर्तमान में कार्तिक माह चल रहा है। जो भगवान विष्णु को समर्पित है। कार्तिक माह के पूर्णिमा के बाद से मार्गशीर्ष माह आरंभ हो जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मार्गशीर्ष माह भगवान श्री कृष्ण का बेहद प्रिय माह है पंचांग के मार्गशीर्ष माह साल का नैवां महीना माना जाता है । और कार्तिक पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा मृगशिरा नक्षत्र में होता है। इसलिए यह महीना बेहद ही अद्भुत माना जाता है। आपको बता दें कि मार्गशीर्ष माह दिनांक 28 नवंबर से शुरू होकर इसका समापन दिनांक 26 से दिसंबर को होगा। इसी को अगहन भी कहा जाता है। सच्ची आराधना करने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है।
कब है मार्गशीर्ष माह
हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के बाद मार्गशीर्ष माह का महीना शुरू हो जाता है। ऐसे में मार्गशीर्ष की शुरुआत 28 नवंबर 2023 दिन मंगलवार से शुरू हो रही है। साथ ही इसका समापन 26 दिसंबर 2023 दिन मंगलवार को ही होगा।
मार्गशीर्ष माह का महत्व
मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा मृगशिरा नक्षत्र में होता है। यही कारण है कि इस माह को मार्गशीर्ष माह कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मार्गशीर्ष के पावन माह में प्रभु श्री राम और माता सीता का विवाह हुआ था। भागवत गीता में कहा गया है कि इस माह पर भगवान श्री कृष्ण का विशेष प्रभाव रहता है। ऐसे में भक्त इस माह में श्री कृष्ण जी की पूजा करते हैं। तो वह जीवन में सभी सुखों को भोगकर अंत में मृत्यु के मोक्ष को प्राप्त करते हैं। साथ ही हर तरह के रोग कष्ट से मुक्ति मिलती है।
मार्गशीर्ष माह के नियम
– मार्गशीर्ष माह में भगवान कृष्ण का पूजन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस माह पवित्र नदियों में स्नान करने से पूर्ण फल प्राप्त होता है।
– धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मार्गशीर्ष माह यानी अगहन के महीने में महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए गंगा स्नान करती हैं।
– मार्गशीर्ष माह में शंखपूजन का भी विशेष महत्व माना गया है। क्योंकि शंकर को श्री कृष्ण के पंज्यान के समान पूजा जाता है। ऐसा करने से भगवान श्री कृष्णा प्रसन्न होते हैं और इससे व्यक्ति की मनोकामना पूरी होती हैं।
– संतान प्राप्ति के लिए आप मार्गशीर्ष माह में कृष्णाय नमः मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए। इससे संतान दंपतियों के घर के बच्चे की किलकारी गूंजती है।
– मार्गशीर्ष माह में तुलसी का पूजन करना शुभ माना जाता है और तुलसी की परिक्रमा भी करनी चाहि। ए साथ ही सुबह शाम घर में कपूर जलाने से निगेटिविटी दूर होती है।
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