असल न्यूज़: पाकिस्तान के इस मंदिर में अन्य मंदिरों की अपेक्षा सबसे ज्यादा भीड़ होती है. इस मंदिर की सबसे खास बात ये हैं कि दुनिया के 51 शक्तिपीठों में से एक हिंगलाज माता मंदिर में हमेशा नवरात्रि की ही तरह जश्न मनाया जाता है. जैसे भारत में नवरात्रि के मौके पर उत्सव मनाया जाता है. कई बार लोगों को लगता है कि ये मंदिर आखिरकार भारत में है या पाकिस्तान में. इस मंदिर में नवरात्रि में गरबा से लेकर कन्या भोज तक सभी तरह के आयोजन किए जाते हैं
हिंगलाज मंदिर जिस एरिया में है, वो पाकिस्तान के सबसे बड़े हिंदू बाहुल्य वाले इलाकों में से एक है. चैत्र नवरात्रि के दौरान यहां भव्य मेला भी लगता है और माता के दर्शन के लिए भाड़ी भीड़ उमड़ती है. इसके अलावा यहां दर्शन के लिए आई महिलाएं गरबा करती हैं. विधि-विधान से हवन, पूजा करती है. इसके अलावा कन्याओं को भोजन भी खिलाया जाता है और मां के भक्ति गानों की गूंज दूर-दूर तक लोगों को सुनाई देती है.
ऐसा माना जाता है कि हिंगलाज की यात्रा करना अमरनाथ से ज्यादा कठिन है. फिर भी लोग यहां पर दूर-दूर से माता के दर्शन के लिए आते हैं और नवरात्रि के दिनों में इस मंदिर में इतनी भीड़ हो जाती है कि लोगों को संभालना मुश्किल हो जाता है. नवरात्रि के दिनों में भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए यहां खास इंतजाम भी किए जाते हैं ताकि श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए मुश्किलों का सामना न करना पड़े.
हिंगलाज मंदिर जिस एरिया में है, वो पाकिस्तान के सबसे बड़े हिंदू बाहुल्य वाले इलाकों में से एक है. चैत्र नवरात्रि के दौरान यहां भव्य मेला भी लगता है और माता के दर्शन के लिए भाड़ी भीड़ उमड़ती है. इसके अलावा यहां दर्शन के लिए आई महिलाएं गरबा करती हैं. विधि-विधान से हवन, पूजा करती है. इसके अलावा कन्याओं को भोजन भी खिलाया जाता है और मां के भक्ति गानों की गूंज दूर-दूर तक लोगों को सुनाई देती है.
ऐसा माना जाता है कि हिंगलाज की यात्रा करना अमरनाथ से ज्यादा कठिन है. फिर भी लोग यहां पर दूर-दूर से माता के दर्शन के लिए आते हैं और नवरात्रि के दिनों में इस मंदिर में इतनी भीड़ हो जाती है कि लोगों को संभालना मुश्किल हो जाता है. नवरात्रि के दिनों में भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए यहां खास इंतजाम भी किए जाते हैं ताकि श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए मुश्किलों का सामना न करना पड़े.